कर्नाटक कांग्रेस के इस विधायक ने अमित शाह को दूसरी बार दी पटखनी


कर्नाटक चुनाव को देश की राजनीति की दशा और दिशा तय करने वाला चुनाव कहा जा रहा था। 15 मई को घोषित हुए चुनाव परिणामों के बाद जिस प्रकार घटनाक्रम बदले हैं, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि इस चुनाव ने एक और ऐतिहासिक राजनीतिक जंग के रूप में अपनी जगह बनाई है। कर्नाटक में बीएस येदुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट से कुछ समय पहले विधानसभा में एक भावुक भाषण दिया और उसके बाद बहुमत परीक्षण से अपने कदम वापस खींचते हुए इस्तीफा दे दिया। इसके पीछे बड़ी वजह ये रही कि कांग्रेस और जेडीएस ने कानून का सहारा लेकर येदुरप्पा के शपथ ग्रहण को जिस प्रकार से चुनौती दी और उससे भाजपा बैकफुट पर आ गई थी।

दरअसल, बहुमत के लिए नंबर नहीं होने के बाद भी राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने का न्योता बीजेपी को दिया गया और येदुरप्पा ने शपथ ग्रहण के बाद कहा था कि उनके पास कांग्रेस और जेडीएस विधायकों का समर्थन है और वो बहुमत साबित कर लेंगे। इसके बाद अब जरुरत थी कांग्रेस को अपने विधायकों पर नजर रखने की ताकि कोई विधायक बीजेपी द्वारा दिए गए ऑफर में ना फंसे और बीजेपी को बहुमत के लिए जरुरी आंकड़े तक पहुंचने से रोका जा सके।

इसके साथ ही कर्नाटक में 5 दिनों से चल रही सियासी उठापटक पर काफी हदतक विराम लग गया। इस पूरे घटनाक्रम कांग्रेस की एक बड़ी जीत के रूप में को देखा जाने लगा है। लेकिन यहां डीके शिवकुमार को नहीं भूलना चाहिए जिनके कारण बीजेपी कांग्रेस विधायकों को तोड़ने में असफल रही और बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई जिसके फलस्वरूप येदुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ गया। इस प्रकार ये दूसरा मौका कहा जा सकता है जब डीके शिवकुमार बीजेपी और अमित शाह की रणनीति पर भारी पड़े और उन्होंने कांग्रेस को मुश्किल दौर से निकालकर जीत दिलाने का काम किया।

कांग्रेस के पास केवल और केवल एक ही नेता था
डीके शिवकुमार ने संभाली कर्नाटक में कांग्रेस को जीत दिलाने की जिम्मेदारी

इसके लिए कांग्रेस के पास केवल और केवल एक ही नेता था जिसपर उन्हें भरोसा था और उस सख्स ने पहले भी कांग्रेस को ऐसी स्थिति से निकाला था। दरअसल, जब कांग्रेस अपने विधायकों को लेकर परेशान थी और उन्हें डर था कि धनबल के सहारे भाजपा कहीं उनके विधायकों को तोड़ न दे, ऐसी स्थिति में डीके शिवकुमार ने मोर्चा संभाला और कर्नाटक के कांग्रेस विधायकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली। उस वक्त कांग्रेस को काफी परेशान थी और मीडिया में बयान तक देने लगे थे कांग्रेस नेता कि रेड्डी बंधू धनबल के सहारे विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस ने बीजेपी पर खरीदफरोख्त की कोशिश का आरोप भी लगाया था।