शिव पूजा में निषेध माना गया है इस काम को


देवी देवताओं की पूजा पाठ में कुछ अलग अलग नियम होते है। जिसका पूजा के समय ध्यान रखना जरूरी है। इन नियमों का विधान शास्त्रों में बनाया गया है। जिनका ध्यान रखने से व पालन करने से पूजा निर्विघन संपन्न हो कर शुभ फल प्रदान करती है। ऐसे हम सभी अक्सर जागरण, पूजन या आरती में भगवान का गुणगान करते समय तालियां बजाते है।

वैसे तो तालियां बजाना पूजा में उत्तसाह और तन्मयता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन तालियों के बारे में शायद आपको यह नहीं पता होगा कि भगवान् शिव के मंदिर में ताली बजाना उचित नहीं समझा जाता। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान् शिव के मंदिर में ताली बजाना वर्जित है।

भगवान शिव की पूजा में कुछ खास अवसरों को छोड़ कर ताली नहीं बजायी जाती। ताली न बजाने के पीछे मान्याता है कि भगवान शिव ज्यादातर समय समाधि लगा कर बैठते है, उस समय वे गहरे ध्यान में होते है। वैसे तो भगवान शिव के ध्यान को भंग करना मुश्किल हैं। लेकिन फिर भी शिव पूजा में ताली बजाना निषेध माना जाता है।

वैसे भी शिव मंदिर में हमेशा शांति का माहौल रहता है। क्योकि शिव हमेशा जल की धारा के नीचे ध्यान लगा कर बैठे होते है। इसके साथ यह भी माना जाता है, कि शिवलिंग के पास कभी भी तीन बार ताली नहीं बजानी चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव जी का ध्यान भंग हो सकता है। शिव पूजा में शिव से जुडी बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।