

पूर्णिमा तिथि धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का दिन है। वैसे तो वर्ष की प्रत्येक पूर्णिमा अपने आप में खास होती है, लेकिन इनमें वैशाख पूर्णिमा का महत्व अधिक है, क्योंकि यह पूर्णिमा भगवान बुद्ध के अवतरण दिवस के रूप में जानी जाती है। भगवान बुद्ध विष्णु के नौवें अवतार भी हैं। इस लिहाज से इस पूर्णिमा का महत्व बढ़ जाता है। इस बार बुद्ध पूर्णिमा 30 अप्रैल को आ रही है। इस दिन सिद्धि योग भी बन रहा है जिसमें किए गए शुभ कार्यों की पूर्ण सिद्धि प्राप्त होती है। इस दिन किए गए मंत्र भी तुरंत सिद्ध हो जाते हैं।
पूर्णिमा के दिन चंद्र अपनी कलाओं से युक्त रहता है
मानसिक कष्टों से सहारा मिलता है
पूर्णिमा के दिन चंद्र अपनी कलाओं से युक्त रहता है, इसलिए जिन लोगों को कोई मानसिक रोग है, मानसिक तनाव महसूस कर रहे हैं, वे इस दिन रात्रि में चांदी के बर्तन में साफ पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर रातभर चांद की चांदनी में रखें। फिर इस जल को चांदी के ही किसी बर्तन में भरकर रख लें। इस जल का थोड़ा-थोड़ा सेवन रोज करने से मानसिक रोग ठीक हो जाते हैं। इस जल में और जल मिलाते जाएं तो यह कभी समाप्त नहीं होगा। यह जल अनेक प्रकार के मानसिक रोगों में आराम देता है।
वैसे तो हमेशा ही घर में साफ-सफाई और सकारात्मक वातावरण रखना चाहिए
पूर्णिमा के दिन मिश्री डालकर खीर बनाएं
- पूर्णिमा के दिन मिश्री डालकर खीर बनाएं और इसे 12 वर्ष तक की सात कन्याओं का पूजन कर उन्हें खिलाएं। इससे आर्थिक सम्पन्न्ता बनी रहती है। व्यापार में लाभ होता है, नौकरी में प्रमोशन मिलता है।
- वैसे तो हमेशा ही घर में साफ-सफाई और सकारात्मक वातावरण रखना चाहिए, लेकिन पूर्णिमा के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सूर्योदय से पूर्व उठकर घर में साफ-सफाई करें। स्वयं स्नान करने के बाद घर में गंगाजल और गौमूत्र का छिड़काव करें। घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं। कार्यस्थल पर भी गंगाजल का छिड़काव करें।