

बुधवार 4.04.18 को वैसाख कृष्ण चतुर्थी पर अनुराधा नक्षत्र, में देवी भुवनेश्वरी की पूजा की जाएंगी। देवी भुवनेश्वरी के मस्तक पर अर्ध चन्द्रमा सुशोभित है। इनके चार हाथों में गदा, राजदंड, माला वरद मुद्रा है। इनके हाथ में अंकुश है। देवी भुवनेश्वरी की पूजा करने से जीवन में ऐश्वर्य की प्राप्ती, जीवन की जटिलता का निवारण व सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पू जा विधि – घर के मंदिर में ईशान कोण पर हरा वस्त्र बिछाकर, देवी भुवनेश्वरी की मूर्ती स्थापित कर विधिवत पूजन करें। कांसे के दिए में गाय के घी का दीप जलाएं , गोलोचन से तिलक करें, मिश्री अर्पित करें व तिल मिश्रित मूंग की खिचड़ी का भोग लगाएं तथा पूजा के बाद भोग प्रसाद स्वरूप वितरित करें।
पू जा मुहूर्त – प्रातः 9:50 बजे से प्रातः 10:50 बजे तक।
मंत्र – ॐ श्रीभुवनेश्वर्यै नमः॥ इस मंत्र का जाप करें।
उपाय
- देवी भुवनेश्वरी पर चढ़े गोलोचन से रोज तिलक करने से बुद्धि में वृद्धि होती है।
- देवी भुवनेश्वरी पर 6 सबूत सुपारी चढ़ा कर किसी वीराने में दबाने से शत्रुओं पर विजय मिलती है।
- देवी भुवनेश्वरी पर 6 मौसम्बी चढ़ा कर उसे गरीबों में दान करने से रोगों का नाश होता है।