मुकुन्दरा हिल्स में अब सुनाई देगी बाघ आरटी-91 की दहाड़


जयपुर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने हाड़ोती क्षेत्र के लोगों को बाघ आरटी-91 के मुकुन्दरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान में सफलतापूर्वक ट्रान्सलोकेशन पर बधाई दी है। उन्होंने रणथम्भौर बाघ परियोजना और मुकुन्दरा पहाड़ी राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी, कर्मचारी तथा विलेज वाइल्ड लाइफ वाचर्स के संयुक्त दल की इस सफलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज का दिन राजस्थान के पर्यावणीय इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। बाघ के इस क्षेत्र में आने से जन और जंगल, दोनों को फायदा होगा। इस पारिस्थतिकी तंत्र की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी हाड़ोती की जनता की भी है।
उल्लेखनीय है कि बाघ आरटी- 91 कुछ समय से रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से निकलकर बूंदी जिले के बाहरी वन क्षेत्रों और आबादी वाले इलाकों में विचरण कर रहा था। जिससे इस क्षेत्र के लोगों में भय का वातावरण बना हुआ था और बाघ की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था। इस बाघ के निरीक्षण के दौरान पता लगा कि कुछ अवैध शिकारी इस इलाके में घूम रहे थे, जिन्हें वन विभाग द्वारा गिरफ्तार भी किया गया है। इन तथ्यों को ध्यान में रखकर एवं बाघ की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुये इस बाघ को कहीं और रिलोकेट करने का फैसला विस्तृत विचार-विमर्श के बाद लिया गया। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, राजस्थान के गत 30 मार्च के आदेश के तहत विस्तृत दिशा-निर्देशों के साथ बाघ आरटी-91 को कोटा के मुकुन्दरा के दरा रेन्ज में 28 हेक्टेयर में बने सॉफ्ट इन्क्लोजर में ट्रान्सलोकेट किया गया है। वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 की धारा 11ए के तहत अनुसूची 1 के किसी भी प्रजाति के वन्य जीव के ट्रान्सलोकेशन का अधिकार राज्य के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक के अधीन है।
मुकुन्दरा पहाड़ी राष्ट्रीय उद्यान में इस बाघ के आ जाने से इस क्षेत्र का वन्य जीवन और समृद्ध होगा। रणथम्भौर में नर बाघों की संख्या 50 प्रतिशत के आस-पास है। विशेषज्ञाें के अनुसार यह 30 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिये। संख्या अधिक होने से नर बाघों के बीच होने वाली मुठभेड़ों की संख्या बढ़ जाती है। जो उनके संरक्षण में बाधा है। ऎसे में इलाके की लड़ाई को कम करने और बाघ संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने के लिये बाघों के लिये नये क्षेत्र विकसित करना बहुत आवश्यक है। मुकुन्दरा में बाघ के सफल रिलोकेशन से बाघों के लिये नये क्षेत्र विकसित करने की संभावना बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि फिलहाल आरटी-91 को इस माहौल के अनुकूल होने के लिये पर्याप्त समय दिया जायेगा और किसी भी तरह की पर्यटन गतिविधि प्रारम्भ नहीं की जायेगी। बाघ आरटी-91 की सुरक्षा एवं निरीक्षण के पर्याप्त बंदोबस्त किये गये हैं।