

रामायण के बारे में कौन नहीं जानता है. बच्चा-बच्चा रामायण के नाम से वाकिफ है और इसके पात्रों से भी. स्कूल की किताबों में, कहानियों में और टीवी पर रामायण के बारे में बहुत कुछ बताया जाता है. कैसे राम का जन्म हुआ, कैसे उनको शिक्षा मिली, कैसे उनको वनवास हुआ, कैसे उनकी शादी सीता से हुई और कैसे उन्होंने रावण को मारा, और भी बहुत कुछ टीवी धारावाहिकों में दिखाया जाता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसीदास द्वारा लिखी गई श्री रामचरितमानस और महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण में न जाने कितने ही ऐसे तथ्य हैं, जिन्हें किसी भी सीरियल में नहीं दिखाया जाता है और न ही स्कूल की किसी पुस्तक में इसका जिक्र है. तो आइए जानते हैं रामायण के इन रोचक तथ्यों के बारे में.
श्रीरामचरितमानस में तुलसीदास जी ने बताया है कि सीता स्वयंवर के समय श्रीराम ने शिव धनुष को उठाया और प्रत्यंचा चढ़ाते समय वह टूट गया.
ऋषि वाल्मीकि की रामायण में सीता स्वयंवर का कोई जिक्र नहीं है. रामायण के अनुसार ऋषि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को मिथिला लेकर गए, जहां उन्होंने मिथिला नरेश से उन्हें शिव धनुष दिखाने का आग्रह किया. उसी समय खेल-खेल में भगवान् राम ने धनुष उठाया और प्रत्यंचा चढ़ाते समय वह टूट गया.
विश्व विजय हेतु जब रावण स्वर्ग लोक पहुंचा तो उसे वहां रम्भा नामक अप्सरा मिली जिसे रावण ने वासना हेतु पकड़ लिया. उसने कहा कि मैं आपके बड़े भाई के पुत्र नलकुबेर के लिए हूं, आपकी पुत्रवधू समान हूं. इस पर भी रावण ने उसे नहीं छोड़ा. इसी कारण से कुबेर के बेटे नलकुबेर ने रावण को श्राप दिया कि यदि उसने कभी किसी स्त्री को उसकी आज्ञा के विरुद्ध स्पर्श किया तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे.
शूर्पणखा की नाक कान लक्ष्मण द्वारा काटने पर ही गुस्साए रावण ने सीता का हरण किया. किन्तु क्या आप जानते हैं कि शूर्पणखा के पति “विद्युतजिव्ह” का रावण ने एक युद्ध के दौरान वध कर दिया था. जिस पर शूर्पणखा ने रावण को मन ही मन श्राप दिया कि मेरे ही कारण तेरा नाश होगा.
क्या आप जानते हैं कि रावण जिस सोने की लंका का राजा था, वह उसने अपने भाई कुबेर को विश्व विजय हेतु किये गए युद्ध में हराकर हासिल की थी. सोने की लंका और पुष्पक विमान दोनों ही पहले कुबेर के थे.
रामायण में लिखा है कि रावण एक बार अपने पुष्पक विमान से कहीं जा रहा था. उस समय उसे वेदवती नामक स्त्री दिखाई दी जो विष्णु भगवान् को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तप कर रही थी. रावण ने उसके बाल पकड़कर उसे अपने साथ चलने को कहा.
रावण के हाथ लगाते ही उसी स्त्री वेदवती ने रावण को श्राप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी और उसी क्षण उसने अपने प्राण त्याग दिए.
राम ने रावण का वध किया, यह तो सब जानते हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इंद्र देव ने अपना दिव्य रथ राम जी के पास भेजा था, जिस पर बैठकर प्रभु राम ने रावण का वध किया.