

वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, जिसे अक्षय तृतीया भी कहा जाता है, इस बार 18 अप्रैल को मनाई जाएगी। ज्योतिषशास्त्र की गणना के अनुसार, इस बार अक्षय तृतीया पर 24 घंटे का सर्वार्थसिद्धि योग का महासंयोग बन रहा है। इस दिन मांगलिक कार्य का विशेष लाभ मिलेगा।
ज्योतिषी के मुताबिक, इस बार अक्षय तृतीया बुधवार के दिन कृतिका नक्षत्र में आयुष्मान योग तथा तैतिल करण की साक्षी में आ रही है। इस नक्षत्र गणना से देखें तो यह दिन हर प्रकार की सिद्धि देने वाला रहेगा, और साथ ही ये भी संयोग ही है कि इस दिन 24 घंटे सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। ऐसे में इस योग ने दिन की शुभता को ओर अधिक बढ़ा दिया है।
मान्यता है कि ऐसे योगों में विवाह, गृह प्रवेश जैसे किए गए मांगलिक कार्य श्रेष्ठ रहते हैं। आपको बता दें कि वैशाख मास दान की दृष्टि से विशेष माना गया है। इस पवित्र मास में पूरे महीने अन्न-जल का दान करना चाहिए। इसके अलावा तृतीया पर घट दान की परंपरा भी है।
मान्यता है कि इस दिन घर में जल से परिपूर्ण दो कलश में पंचामृत, पंचरत्न और औषधि मिलाकर एक कलश में जौं डालें। इस कलश को भगवान विष्णु को अर्पित कर ब्राह्मण या शिव मंदिर में दान करें। जबकि दूसरे कलश में काले तिल डालकर पितरों के निमित्त ब्राह्मणों को दान करने से देव व पितृ कृपा प्राप्त होती है।
अक्षय तृतीया पर स्वर्ण आभूषण खरीदने का सबसे ज्यादा महत्व है। इसके अलावा चांदी, तांबे आदि धातुओं की मूर्ति, पात्र आदि की खरीदी के साथ भूमि, भवन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, वस्त्र आदि की खरीदी स्थाई समृद्धि का कारक मानी गई है।