असम के सत्रों की भूमि समस्याओं के आकलन और बहाली के लिए आयोग का काम लगभग समाप्त होने की राह पर है। राज्य के सत्र आयोग के अध्यक्ष प्रदीप हजारिका ने आज कामरूप जिले के कई सत्रों का दौरा करने के बाद कामरूप जिले के एकीकृत जिला आयुक्त कार्यालय के बैठक कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। उनका कहना है कि सत्र की पूर्व विरासत काफी फीकी पड़ गई है। वैष्णव गुरुओं के आदर्शों पर आधारित ये सत्रये असमिया जाती की आत्मा हैं। यदि सत्रों का विनाश हो जाता है तो असमिया जाती का भी विनाश हो जाएंगे। इसलिए इन सत्रों को बहाल करना ही होगा । यह पहली बार है कि डॉ हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार ने असम के सत्रों की भूमि समस्या को हल करने के लिए कदम उठाए हैं। हजारिका ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए गठित आयोग निश्चित रूप से इस संबंध में अपने कर्तव्यों का उचित निर्वहन करने का प्रयास करेगा। आयोग के अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री तथा अमगुरी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने सभी संबंधित पक्षों से इस संबंध में उचित जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उनके मुताबिक कुछ जिलों से पूरी और सटीक जानकारी आना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि काम पूरा होने में कुछ देरी हुई क्योंकि कई जिलों के प्रशासन और सत्र प्रबंधन समितियों ने अब तक आयोग को पूरी जानकारी नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि आयोग ने पहले ही अपना काम छोटा कर लिया है, लेकिन दुबारा कामरूप जिले में आना पड़ा क्योंकि कुछ सतरों का दौरा करना बाकी था। बैठक में कामरूप जिले के आधा सौ से अधिक सतरों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपने-अपने सतरों की भूमि से संबंधित मुद्दों को उठाया। बैठक में आयोग के सदस्यों में से एक मृणाल सैकिया, प्रभारी सलाहकार माधव प्रसाद शर्मा, कनिष्ठ सलाहकार अतुल दास, कामरूप जिले के प्रभारी जिला आयुक्त नरसिंग बे, अतिरिक्त आयुक्त कमल बरुआ और जिला सूचना और जनसंपर्क अधिकारी विकास शर्मा के अलावा सभी राजस्व सर्किलों के सर्कल अधिकारी शामिल हुए। इससे पहले दिन में, प्रदीप हजारिका की अध्यक्षता वाले आयोग ने कामरूप जिले के उत्तरपार में कमलपुर राजस्व सर्कल के साजेई गांव के कलाठाकुर सत्र, कया राजस्व सर्कल के अंतर्गत बालिसत्र सत्संगी सत्र, रंगिया राजस्व सर्कल के तहत नबुर्का सत्र और पुराना बुर्का सत्र का दौरा किया और सत्र अधिकारियों के साथ बातचीत करके सत्रों की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया।

पंकज नाथ, असम , 18 फरवरी