राजस्थान में पानी का बड़ा संकट पैदा हो सकता है. यहां की जीवनधारा इंदिरा गांधी नहर मेंटेनेंस के लिए एक महीने बंद रहेगी. नहर बंद होने से 15 जिले सीधे सीधे प्रभावित होंगे. इन जिलों में इस नहर से सिंचाई औऱ पीने का पानी मिलता है. इस साल पूरे एक माह की नहरबंदी होगी.

राजस्थान की जीवनरेखा इंदिरा गांधी नहर सालाना मेंटेनेंस पर जा रही है. पूरे 30 के लिए नहर बंद रहेगी. 20 मार्च से 19 अप्रैल तक चरणबद्ध नहरबंदी होगी. उसके बाद 30 दिन के लिए पूर्ण नहर बंदी की जाएगी, ताकि सिंचाई एवं पेयजल की जरूरत के लिए 18 हजार क्यूसेक पानी सुनिश्चित किया जा सके. जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने जानकारी दी कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र के 15 जिलों में 20 अप्रैल से 19 मई तक इंदिरा गांधी फीडर एवं मुख्य नहर का जीर्णोद्धार किया जाएगा.

ये जिले रहेंगे प्रभावित
इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में आठ जिलों श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर एवं फलौदी के 16.70 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है. जबकि 15 जिलों बाड़मेर, बालोतरा, सीकर, नीम का थाना, झुंझुनूं, नागौर, डीडवाना- कुचामन, गंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर एवं फलौदी के 49 शहर/ कस्बे, 7500 गांव-ढ़ाणी, महाजन फायरिंग रेंज एवं सेना को पेयजल उपलब्ध होता है.

नहरबंदी से पहले ये काम कर लें
कुमार ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना की क्षमता 18 हजार क्यूसेक है. वर्तमान में यह क्षमता घटकर 12 हजार क्यूसेक ही रह गई है. नहर का निर्माण 60 वर्ष पूर्व किया गया था जो अब अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो गई है. इससे प्रदेश को अपने हिस्से का 60 प्रतिशत पानी ही मिल पाता है. पेयजल एवं सिंचाई के लिए लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. किसानों और आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए आंशिक एवं पूर्ण नहर बंदी का निर्णय लिया गया है.पूर्ण नहर बंदी शुरू करने से पहले सभी जल भंडारणों, नहरों में पोंडिंग, तालाबों, डिग्गियों, जोहड़, सार्वजनिक जल स्रोतों के अलावा निजी डिग्गी, जोहड़ एवं निजी भंडारण स्रोतों में पानी भर दिया जाएगा.