स्वर्णनगरी जैसलमेर में होल्काष्टक से ही होली की धूम शुरु हो गई है बुधवार को ब्राह्मण समाज द्वारा गैर का आयोजन किया गया जिसमें सोनार दुर्ग स्थित नगर अराध्य लक्ष्मीनाथ जी के मंदिर में भगवान के साथ जनसमूह ने मंदिर में होली खेली फाग के दौरान मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था जिसके बाद ब्राह्मण समाज द्वारा धड़ों की पारंपरिक गैर निकली जैसलमेर में होली को लेकर वर्षों से यह परपंरा चल रही है कि होल्काष्टमी से लक्ष्मीनाथजी मंदिर में फाग का आयोजन शुरू हो जाता हैं।

इस दौरान विभिन्न फाग के गीतों द्वारा ढोलक तबले व चंग के साथ समा बांधा गया जिसमे बड़ी संख्या में होली के रसिया बुजुर्ग, युवा और बच्चे फागोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे, फाग के दौरान मंदिर परिसर खचाखच भरा हुआ था। माना जाता है कि फाग के दौरान खुद भगवान लक्ष्मीनाथ जी श्रद्धालुओं के साथ फाग खेलते हैं गैर आरंभ होने से पूर्व समाज के लोगों ने लक्ष्मीनाथ मंदिर पहुंचकर पूजा की और गुलाल उड़ाकर होली का आनद लिया ।

होली के गीतों को गाकर पर्व की खुशी का इजहार

जैसलमेर मे होली पर्व से पूर्व फाग खेलने के बाद यहां के पुष्करणा ब्राह्मणों समाज की गेरें निकलनी शुरू हो जाती है, गेरें सोनार किले से रवाना होकर मुख्य बाजार होते हुए गांधी चौक से मंदिर पैलेस के आगे समाप्त की जाती हैं, जब ये गेरें अपने भाई-बंधुओ के मोहल्लों से बाहर निकल आती है तो गेरिए होली के रंग में रंगे नजर आते है और होली के गीतों को गाकर पर्व की खुशी का इजहार करते हैं बाजार में गैर को देखने के लिए भीड़ उमड़ जाती है, मरूप्रदेश के लोक जीवन में भिन्न भिन्न पर्वो, त्योहारों और मेले मगरियों में गीतों का महत्व है, ठीक उसी तरह होली के पर्व पर भी यहां के लोग अपने कठोर जीवन को सरल बनाकर फाग आदि गीत गाए गाये जा रहे हैं।

स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी सैलानियों ने भी जमकर उठाया फाग का आनंद

जैसलमेर में इस साल होली की रौनक भलेही फीकी हो मगर युवाओं में होली के प्रति जोस बरक़रार है युवाओं के प्रति उत्साह में कोई बाधा आए ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि होली का पर्व 1 वर्ष में एक बार आता है वही जैसलमेर में युवाओं के साथ होली बड़े ही हर्षोल्लास से मनाई जा रही है इस बार विदेशी सैलानी भी जमकर जैसलमेर पहुंच रहे हैं और होली के त्योहार को मना रहे हैं होली मनाने की खुशी उनके चेहरे पर साफ देखी जा सकती है होली के जश्न में डूबे विदेशी सैलानियों को देख ऐसा लग रहा है जैसे ये त्योहार उनका अपना त्योहार हो विदेशी सैलानी न केवल पर्यटक स्थलों पर घूम कर लुत्फ उठा रहे हैं, बल्कि होली के त्योहार का भी जमकर मजा लूट रहे हैं जहां देखो वहां रंग बिरंगे रंगों से सरोबर हुए स्थानीय लोगों के साथ-सा देशी विदेशी सैलानी आप को नजर आ जायेंगे। पूरे विश्व में अपनी कला संस्कृति व परंपराओं के लिए मशहूर 870 साल पुरानी जैसलमेर श्री कृष्ण नगरी में होली का जमकर सेलीब्रेशन हो रहा है। यहां मंदिरों से कई प्रकार की गैरें निकाली जा रही हैं विदेशियों को भले ही उनके छंद समझ न आ रहे हों, लेकिन इन गैरों में शामिल होकर वे खूब आनंदित हो रहे हैं उनकी खुशी उनके चेहरों पर साफ देखी जा सकती है। होली के धमाल व यहां की कला संस्कृति के रंग में विदेशी सैलानी ऐसे डूबे हुए हैं जैसे मानो यह उन्हीं का अपना कोई त्योहार हो विदेशी सैलानी यहां स्थानीय लोगों के साथ जमकर होली खेल रहे हैं।