फलोदी, घुटने और कमर के दर्द से बचने के लिए हमें जीवन जीने के तरीक़ों में परिवर्तन लाना होगा । यह कहना है प्रसिद्ध जोड़ विशेषज्ञ डॉ मिहिर थानवी का । डॉ मिहिर गुरुवार को दूसरा दशक के ओपन स्कूल शिक्षण शिविर में आयोजित इनसे मिलिए कार्यक्रम के तहत किशोरियों को जोड़ और कमर में दर्द के कारण व निवारण विषय में जानकारी दे रहे थे । कार्यक्रम में आधी से अधिक किशोरियों का कहना था उनके परिजन घुटने के दर्द से पीड़ित हैं ।
डॉ मिहिर थानवी ने कहा कि अधिकांश बीमारियाँ को हम महसूस करते-करते बढ़ा देते हैं । बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर हमें सावचेत होने के साथ ही बचाव के लिए अपनी दिनचर्या में बदलाव लाना चाहिए । शिक्षण शिविर की मंजू, कुमकुम, कीर्ति, पूजा, सीमा, मनीषा आदि के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भोजन और वजन पर नियंत्रण रखते हुवे शारीरिक रूप से लगातार सक्रिय रहना ज़रूरी है । सिलाई प्रशिक्षण शिविर की भावना, कोमल, सीमा, दीपिका, नीलम आदि ने भी प्रश्न पूछे । शिविर की शिक्षिकाओं राखी, कीर्ति, रेशमा और कुसुम ने आभार व्यक्त किया ।