क्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने शुक्रवार रात विदेश मंत्री एय जयशंकर से मुलाकात की। दोनों ने रूस-यूक्रेन जंग का शांतिपूर्ण हल निकालने पर चर्चा की।

यूक्रेनी विदेश मंत्री कुलेबा 28 मार्च को दो दिन के दौरे पर भारत आए थे। दूसरे दिन उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर और डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर विक्रम मिसरी से मुलाकात की।

तस्वीर जयशकंर और कुलेबा की मीटिंग की है। दोनों नेताओं ने जंग के साथ ग्लोबल सिक्योरिटी पर भी चर्चा की।
तस्वीर जयशकंर और कुलेबा की मीटिंग की है। दोनों नेताओं ने जंग के साथ ग्लोबल सिक्योरिटी पर भी चर्चा की।

रिश्ते मजबूत करने पर भी बातचीत हुई
दोनों नेताओं के बीच भारत और यूक्रेन के रिश्तों पर बातचीत हुई। उन्होंने ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, साइंस, टेक्नोलॉजी, डिफेंस, एग्रीकल्चर, हेल्थ, एजुकेशन, कल्चर से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।

यूक्रेन पूर्व सोवियत देश है। ऐसे में यूक्रेन की स्थापना के बाद से भारत के साथ उसके कोई खास संबंध नहीं थे। हाल के वक्त में भारत के यूक्रेन के साथ रिश्तों में काफी सुधार आया है। G7 की बैठक के दौरान जापान में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने PM मोदी से मुलाकात की थी।

एक दिन पहले कहा था- भारत-रूस के रिश्तों का कोई भविष्य नहीं
28 मार्च को कुलेबा ने NDTV को दिए इंटरव्यू में कहा था, “भारत और रूस के रिश्ते सोवियत काल की विरासत हैं। सोवियत संघ खत्म हो चुका है और इसलिए दोनों देशों के रिश्तों का कोई भविष्य नहीं है। मेरा मानना है कि भारत और यूक्रेन के रिश्तों का बेहतर भविष्य हो सकता है,किन अगर भारत और रूस इतने करीब हैं तो वे इसका इस्तेमाल मॉस्को के व्यवहार पर असर डालने में कर सकते हैं। वैश्विक स्तर पर भारत की आवाज बेहद अहम है और यूक्रेन में शांति के लिए हमें उनकी जरूरत है।”

2022 में यूक्रेन ने पीस प्लान पेश किया था
2022 में बाली में हुई G20 समिट के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 10 प्वाइंट का पीस प्लान पेश किया था। इसमें यूक्रेन ने जंग रुकवाने के लिए कुछ शर्तों का जिक्र किया था। इन शर्तों पर एक नजर…

  • रूस, यूक्रेन से अपने सैनिकों को पूरी तरह से बाहर निकाले।
  • सभी यूक्रेनी कैदियों को रिहा किया जाए।
  • रूस न्यूक्लियर सेफ्टी और एनर्जी सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर यूक्रेन को गारंटी दे।
  • रूसी कब्जे वाले यूक्रेन के इलाके को पूरी तरह खाली किया जाए।
  • हालातों पर नजर बनाए रखने के लिए एक ट्रिब्यूनल बनाया जाए।
  • रूस जंग की वजह से हुए नुकसान का यूक्रेन को भुगतान करे।
  • युद्ध अपराधों के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया जाए।

PM मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की को फोन किया था
कुछ दिन पहले ही PM मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की थी। उन्होंने दोनों नेताओं के सामने जंग पर भारत का रुख दोहराते हुए कहा था कि कूटनीति और बातचीत के जरिए मसले का हल निकाला जाना चाहिए।

इस दौरान पुतिन और जेलेंस्की ने मोदी को लोकसभा चुनाव के बाद अपने-अपने देश आने का न्योता भी दिया था। फोन कॉल के बाद PM मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा था, ‘भारत ने हमेशा से जंग जल्द खत्म करने और शांति का समर्थन किया है। हम हमेशा मानवीय सहायता जारी रखेंगे।’