अंबालिका इंस्टीट्यूट में आयोजित 7वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए डॉ. राजेश्वर सिंह का इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक अंबिका मिश्रा ने स्वागत किया ।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने भारत की नवाचार की उल्लेखनीय उपलब्धियों और क्षमताओं पर चर्चा करते हुए कहा​ कि आज भारत विश्व इनोवेशन इंडेक्स में 80 से 40वें स्थान पर पहुंच चुके है। भारत के पास सर्वोत्तम शोध संस्थान हैं। इसरो और डीआरडीओ में सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक है जिनके परिश्रम व प्रयासों से भारत चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया। हमारा देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के मामले में निरंतर प्रगति कर रहा है। आज भारत के पास सर्वोत्तम रक्षा मशीनरी है, जिसे 85 देशों में निर्यात किया जा रहा है। देश के इंजीनियरिंग कॉलेज के पढ़े हमारे युवा देश को नई उचाईयों पर लेकर जा रहे है। देश के पास असीमित कौशल और क्षमता है, साथ ही सोलर एनर्जी, हेल्थ सेक्टर समेत अनेक क्षेत्रों में नवाचार के ढेरों अवसर है।

अंबालिका इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक अंबिका मिश्रा, एआईएमटी निदेशक सेवानिवृत्त डॉ. प्रोफेसर आशुतोष द्विवेदी, एमएनएनआईटी प्रयागराज प्रो एके मिश्रा, वाराणसी इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के प्रोफेसर जी.पी.सिंह, वार्विक यूनिवर्सिटी के अमीर रजा, एचकेयूएसटी हांगकांग के डॉ. अभिषेक कुमार श्रीवास्तव, इंस्टीट्यूट की अतिरिक्त निदेशक प्रोफेसर डॉ. श्वेता मिश्रा और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और वक्ताओं ने अपने दृष्टिकोण पेश किए।