जोधपुर। पुष्करणा समाज की पौराणिक परम्परा सस्कृति के लिये कार्य करने वाले एवं खाशकर 400 वर्ष पुरानी सामूहिक सावा सस्कृति को विश्व पटल पर लाने में योगदान देने वाले बीकानेर रमक झमक संस्थान के अध्यक्ष सस्कृति कर्मी प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ का जोधपुर में जगह जगह समाज के लोगों ने उनका आत्मिक सत्कार किया। नटवर थानवी ने बताया कि श्री ओझा पुष्करणा सावा पर रमक झमक द्वारा पुष्करणा सावा पर उनके द्वारा तैयार किये गए सावा परम्परा का कलैण्डर और पौराणिक विवाह गीतों के संकलन की पुस्तक ‘रमक झमक विवाह गीत’ समाज के वरिष्ठ लोगो को भेंट करने एवं उनसे सामाजिक चर्चा करने जोधपुर पधारे थे। थानवी ने बताया कि हाल ही बीकानेर में सम्पन्न हुए पुष्करणा सावा ऑलम्पिक में देशभर के पुष्करणा पहुंचे थे,रमक झमक ने सावा के विष्णुरूप दूल्हों को अयोध्या यात्रा का टिकट दिया और संस्कृति का पालन करने वाले दूल्हे,बारात व प्रवासियों का स्वागत कर देशभर में पुष्करणा सावा सस्कृति की खशियतों व महत्व को विश्वपटल पर लाने का कार्य किया।
जोधपुर में श्री ओझा का डॉ वी डी जोशी दंत रोग विशेषज्ञ,डॉ आशीष जोशी,समाज सेवी,नटवर थानवी,साहित्यकार गीतकार श्रीमती मंजू थानवी,श्रीमती नारायणी ओझा
गौ सेवक प्रकाश व्यास, सामाजिक पत्रिका के हरिगोपाल व्यास समाज सेवी बबलू ओझा,पार्षद राकेश कल्ला पार्षद,सुरेश ओझा लेखक वी के ए वन भा सा,वरिष्ठ गीतकार लेखक गोविंद कल्ला ,रविन्द्र व्यास,पुष्करणा भवन हरिद्वार के आर के व्यास,पुष्करणा संस्थाओं से जुड़े पुरुषोत्तम मापारा,दीपक थानवी एवं सहायक अभियंता दीपक बिस्सा सहित अनेक गणमान्य लोगों ने समाज की संस्कृति को जीवंत रखने के लिये
बीकानेर के श्री प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ का कई स्थानों पर आत्मिक सत्कार किया और उनके द्वारा भेंट किये गए सावा कलेण्डर और विवाह गीत पुस्तक की प्रशंसा करते हुए आभार प्रकट किया। श्री ओझा के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती लक्ष्मी देवी ओझा का भी स्वागत किया गया ,श्रीमती ओझा बीकानेर में सावा पर ‘बड़ पापड़ बनाकर व उसपर मांगलिक चिन्ह उकेरने की निःशुल्क सेवाएं देती आ रही है।