गांधीनगर। कहा जाता है कि जब भक्ति का रंग लग जाता है, तो मीरा बाई भी महलों का त्याग कर भक्ति में लीन हो जाती है। नरसी मेहता लक्ष्मी लुटा देता है। खासकर ऐसी लगन आम इंसान को तो लग नहीं सकती। लेकिन जिस किसी भी व्यक्ति को यह लगन लग जाती है तो वह ही जानता हैं। संत प्रहलाद सिंह राठौड़ भी इसी का जीवित उदाहरण है। 43 बसंत देख चुके राठौड़ का जन्म गुजरात प्रदेश में स्थित जिला गांधीनगर के अंतर्गत आने वाला तालुका दहेगाम के सरगुड़ी गांव के क्षत्रिय वंश में उदय सिंह राठौड़ के घर में हुआ। प्रहलाद सिंह राठौड़ शिक्षा के क्षेत्र में बी ए व एम ए की लौकिक शिक्षा प्राप्त करने के साथ ही आध्यात्मिक गुरु के सानिध्य में भक्ति में लीन रहने लगे। गुरुजी के मार्गदर्शन में अपनी पैतृक भूमि में कृषि कार्य करते हुए उनके निर्देशानुसार गृहस्थ जीवन यापन करते हुए दहेगाम तालुका में कॉटन मील की शुरुआत की। यहीं से संत राठौड़ का कारोबार दिन दो गुना रात चौगुना फलने फूलने लगा। और राठौड़ ने सरगुड़ी में अपने कुलदेवी नागणेच्या माता का भव्य मंदिर बनवाया। और इसी के पास में जन-जन के आराध्य देव लोक देवता बाबा रामदेव जी महाराज का मंदिर बनवाया तथा एक गौशाला भी बनवाई। गौशाला में नित्य गौ माता की अच्छी देखभाल हो रही है। संत प्रहलाद सिंह राठौड़ से मिली जानकारी के अनुसार बाबा रामदेव जी महाराज ने ने दर्शन दिए और बताया कि इन दोनों मंदिरों के पास में एक और मंदिर बनवाया जाए जिसमें अन्य कोई मूर्ति नहीं हो सिर्फ मेरा सिंहासन स्थापित हो। इसी आदेश को फलीभूत करते हुए संत राठौड़ मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जिसका शिलान्यास 13 फरवरी 2021 को हुआ। इस कार्यक्रम में देश भर से साधु संत पधारे। और इस भव्य मंदिर का नाम रखा ‘अलख नों ओटलों’ इस भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने तक निर्माण कार्य में करीब एक करोड़ रुपए की लागत आई तथा करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से स्वर्ण सिंहासन स्थापित किया गया।

राठौड़ 2023 में भी करवा चुके हैं विवाह सम्मेलन का आयोजन

22 अप्रैल 2023 को इस भव्य मंदिर का उद्घाटन हुआ तथा इसी दिन 11 कन्याओं का सामूहिक विवाह सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। इस भव्य आयोजन का संपूर्ण खर्चा संत प्रहलाद सिंह राठौड़ ने वहन किया। अयोजन वर वधु के लिए नि:शुल्क रहा।

इससे पूर्व संत राठौड़ ने सर गुड्डी में एक ऑयल मील की शुरुआत की। जहां शुद्ध मूंगफली का तेल बन रहा हैं। संत राठौड़ द्वारा संचालित तेल मील तथा कॉटन मील में जिन-जिन खाद्य पदार्थों का उत्पादन किया जा रहा है पूर्णतया शुद्ध है।

22 अप्रैल को परिणय सूत्र में बंधेंगे 111 जोड़े

संत राठौड़ से मिली जानकारी के अनुसार 22 अप्रैल 2024 को 111 कन्याओं का विशाल विवाह सम्मेलन का आयोजन करवाया जा रहा है जो नि:शुल्क है। इतना कुछ अपनी मेहनत पर और अपने खर्चे पर करने वाले संत प्रहलाद सिंह राठौड़ का जीवन सादगी से भरपूर है।