राजस्थान के पोकरण में चल रहे ‘भारत शक्ति युद्धाभ्यास’ में शामिल तेजस फाइटर जेट मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे क्रैश हो गया। यह जैसलमेर शहर से 2 किमी दूर जवाहर नगर स्थित भील समाज के हॉस्टल पर जा गिरा। तेजस के क्रैश होने की यह पहली घटना है। घटना के समय हॉस्टल के उस कमरे में कोई नहीं था। इससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। पोकरण में चल रहे युद्धाभ्यास स्थल से करीब 100 किमी दूर यह हादसा जैसलमेर में हुआ है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सेना के बड़े अधिकारी मौजूद हैं। एयरफोर्स के अधिकारियों ने बताया- इंडियन एयरफोर्स के फाइटर प्लेन में एक ही पायलट था। उसे आर्मी हॉस्पिटल भेजा गया है। क्रैश होने से पहले वह इजेक्ट हो गया था। अचानक हुए धमाके के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई। सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं। जिस कमरे पर गिरा उस हादसे के समय कमरे में कोई नहीं था भील समाज के पास में ही मेघवाल समाज का हॉस्टल बना हुआ है। पास में ही मेघवाल समाज हॉस्टल का हॉस्टल बना हुआ है। इसमें रहने वाले गिराधारी लाल ने बताया- भील समाज के इस हॉस्टल में पांच कमरे बने हुए हैं। जिस कमरे में फाइटर जेट गिरा है, वहां करीब 15 बच्चे रहते हैं। सुबह 7 बजे बच्चे बाहर चले गए थे। इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ है। पायलट को देखने वाले से बात की। उन्होंने बताया- सावल कॉलोनी के पास विमान को नीचे उतरता हुआ देखा। दो पैराशूट दिखे इनमें एक खाली था और दूसरे में पायलट। मैं बच्चों को छोड़ पैराशूट की दिशा में बाइक लेकर गया। लक्ष्मीचंद सावल कॉलोनी की तरफ पायलट बढ़ रहे थे। पास में कुछ मजदूर काम कर रहे थे। जैसे ही पायलट जमीन की तरफ आया। हम लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। उन्होंने बताया​ कि मुझे जमीन पर एक बार लेटा दो। फिर जिला प्रशासन के अधिकारी वी एयरफोर्स के जवान पहुंच गए वह पायलट जाते-जाते हमें धन्यवाद कहकर गए

तेजस विमान से बाहर निकलते पायलट का वीडियो भी आया सामने

भारतीय वायु सेना में हाल ही में शालिम हुए स्वदेशी फाइटर प्लेन तेजस मंगलवार को जैसलमेर शहर की भारी आबादी के पास में क्रैश हो गया। प्लेन क्रैश होने से पहले पायलट फाइटर प्लेन से बाहर निकल गया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जारी हुआ। सामान्यत रेगिस्तान में जब भी कोई प्लेन क्रैश होता है तो अंदाजा यह लगाया जाता है कि यह उड़ता ताबूत यानी मिग श्रेणी का विमान होगा, लेकिन मंगलवार को देश में तैयार हल्के लड़ाकू विमान तेजस के दुर्घटनाग्रस्त होने से वायु सेना और इसे बनाने वाली कंपनी एचएएल को भारी धक्का लगा है। हालांकि, वायु सेना ने पूरे मामले की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी करने के आदेश दिए हैं। खास बात यह है कि तेजस का 23 साल में यह पहला हादसा है, 2001 से तेजस के अधिकारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल होने तक कई टेस्ट फ्लाइट एवं शोर्ट देश के दुर्गम इलाकों में हो चुकी है, लेकिन कभी ऐसा हादसा नहीं हुआ। भारत अभी तेजस मार्क-1 का निर्माण कर रहा है इसे और उन्नत बनाने के लिए मार्क-2 के निर्माण के लिए अमेरिका से भी समझौता हुआ है। भारतीय वायुसेना पश्चिमी सीमा पर तेजस की तैनाती करने जा रही है। इसकी शुरुआत संभवत: इसी माह बीकानेर के नाल से होगी, शुरुआत एक या दो फाइटर से होगी यहां पर पहली स्क्वाड्रन आने के बाद पश्चिमी सीमा पर अगले दो-तीन साल में संख्या बढ़ेगी वहीं, वेस्टर्न फ्रंट पर कश्मीर के एक फॉरवर्ड बेस पर तीसरी स्क्वाड्रन तैनात होगी। देश में उड़ते ताबूत के नाम से मशहूर मिग-21 विमान जो रशियन वर्जन के हैं, उनको फेज आउट कर तेजस को लाने पर काम चल रहा है। तेजस की वर्तमान में दो स्क्वाड्रन तमिलनाडु स्थित भारतीय वायु सेना के स्टेशन सूलुर पर तैनात हैं। मिग श्रेणी के विमान पहले जोधपुर में तैनात थे, जिनकी बारी-बारी से विदाई हो चुकी है। जोधपुर स्टेशन पर अब फाइटर जेट सुखोई तैनात हैं, इसलिए तेजस की तैनाती के लिए बीकानेर के नाल को चुना गया है।

पहले क्रैश हुए फाइटर प्लेन।

मिग-21 के 400 हादसे, 200 पायलट की मौतें : भारत में 1971 के बाद से मिग श्रेणी के लड़ाकू विमानों के अब तक 400 से ज्यादा विमान क्रैश हो चुके हैं ये रशियन ओरिजिन का है। पहले वन सिटर ही था भारत में जनवरी 2021 से अब तक करीब 6 मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, जिनमें 5 पायलट की जान चली गई. बाड़मेर की बात करें तो 2015 से 2022 तक 4 मिग-21 क्रैश हुए हैं, जिनमें से 2022 के अलवाव बाकी 3 बार पायलट सुरक्षित रहे हैं। गत वर्ष हनुमानगढ़ के पास एक विमान क्रैश हुआ था। जोधपुर शहर में एक सुखोई भी क्रैश हो चुका है।