जिले के देगराय इलाके के जंगली जानवरों समेत पशुओं पर पानी का संकट आ गया है। इलाके में जलदाय विभाग द्वारा बनाए गए मोरकुंड पिछले 4 महीने से सूखे पड़े हैं। पहले जानवर देगराय तालाब से अपनी प्यास बुझा लेते थे, मगर उसमें भी पानी सूख जाने से अब जीव जंतुओं पर पीने के पानी का संकट आ गया है और वे प्यासे मर रहे हैं। मगर जलदाय विभाग मोरकुंड में पानी की व्यवस्था नहीं करवा रहा है। इससे पर्यावरण प्रेमियों में खासा रोष है।
पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह सांवता ने बताया कि देगराय इलाके के मोरकुंड में पिछले 4 महीने से पानी नहीं आ रहा है। पाइप लाइन बीच में से कहीं क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी की समस्या पैदा हुई थी। मगर उस दौरान देगराय तालाब में पानी होने से सभी पशु और जंगली जीव अपनी प्यास देगराय तालाब से बुझा लेते थे। मगर देगराय तालाब में इन दिनों पानी नहीं होने से जानवर दुबारा से मोरकुंड की तरफ लौटे हैं। मगर मोरकुंड सूखे होने के कारण जंगली जानवरों और पशुओं के सामने पीने के पानी का संकट आ गया है। अब वे सब प्यासे भटक रहे हैं। सुमेर सिंह ने बताया कि उन्होंने इस समस्या से जलदाय विभाग को कई बार अवगत करवाया है, मगर अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है। ऐसे में पानी की व्यवस्था नहीं होने से पशु और जंगली जानवर बिना पानी के तड़प कर मर जाएंगे।
इस मामले में जलदाय विभाग के एईएन गोपाल सिंह मीना ने बताया कि पानी के प्रोजेक्ट का काम चलने के कारण पानी की समस्या आ रही है। लेकिन बहुत जल्द पानी के टैंकर आदि भिजवा कर मोरकुंड को भरवाने का काम करेंगे। इसके बाद पानी की प्रोपर व्यवस्था आदि के लिए पाइप लाइन आदि जल्दी से सही करवा देंगे,, ताकि गर्मी के मौसम में वन्य जीवों और पशुओं को पानी की समस्या नहीं आवे।