भारत-पाक सीमा पर ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा बल हमेशा तैयार है। भारत-पाक सीमा से लगती जैसलमेर सरहद पर ड्रोन का कोई खतरा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भी BSF ने अपने सिस्टम तैयार किए हैं जो ड्रोन के खतरे को कम करने के लिए हरदम मुस्तैद है। ये कहना है सीमा सुरक्षा बल के सीमांत मुख्यालय के आईजी मकरन्द देउस्कर का। हाल ही में भारत-पाक सीमा का दौरा करने जैसलमेर आए बीएसएफ़ आईजी मकरन्द देउस्कर ने सीमा पार से भारतीय सीमा में ड्रोन की घुसपैठ के बढ़ते खतरे के संबंध में एक सवाल के जवाब में कहा, ड्रोन एक चैलेंज है। उस चैलेंज से निपटने के लिए बीएसएफ ने कई कदम उठाए हैं। मकरन्द देउस्कर ने बताया कि ड्रोन घटनाओं से सजग रहने के लिए जवानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ड्रोन से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा बल ने अपनी तरफ से भी कई इनोवेशन किए हैं। ड्रोन का समय से पहले ही कार्रवाई करने के लिए भी कई तरह के सिस्टम पर काम किया जा रहा है ताकि ड्रोन पर समय रहते पहले ही सीमा पार आने से कार्रवाई कर पाए।

ग्रामीणों को सजग करने के साथ सहयोग भी मिल रहा

बीएसएफ़ आईजी ने बताया कि ड्रोन के संबंध में सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। उनको भी ड्रोन और ड्रग्स जैसे मामले में सजग करने के साथ साथ उनका सहयोग भी भरपूर मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अगर ग्रामीण ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए भरपूर सहयोग करते रहेंगे तो अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों में अलग अलग तरह के कार्य होते रहेंगे। पिछले दिनों भी गंगानगर बॉर्डर पर ग्रामीणों की मदद से कामयाबी हासिल की है। इस तरह हम सीमा पार से आने वाले हर खतरे से निपटने के लिए 24 घंटे तैयार और मुस्तैद हैं। गौरतलब है कि हाल ही सीमांत मुख्यालय राजस्थान BSF के आईजी के पद पर नियुक्त हुए मकरन्द देउस्कर ने जैसलमेर सीमा का दौरा कर सीमा का जायजा लिया और जवानों की हौसला अफजाई भी की।