केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को अपने इंटरव्यू में कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा. हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है. हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे. शाह ने कहा, ‘सीएए से इस देश के अल्पसंख्यकों या किसी और व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि CAA में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है. सीएए सिर्फ और सिर्फ तीन देश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है.’

शाह ने कहा, ‘अखंड भारत का जो हिस्सा थे और जिन पर धार्मिक प्रताड़ना हुई है उन्हें शरण देना मैं मानता हूं हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है. जब विभाजन हुआ तब पाकिस्तान में 23% सिख और हिंदू थे आज 3.7% बच गए. वे यहां तो नहीं आए. उनका धर्म परिवर्तन किया गया, उन्हें अपमानित किया गया, दोयम दर्जे के नागरिक के नाते उन्हें रखा गया. ये लोग कहां जाएंगे? क्या देश की संसद इसका विचार नहीं करेगी? अगर मैं बांग्लादेश की बात करूं तो 1951 में वहां हिंदू आबादी 22% थी, लेकिन अब आंकड़ों के मुताबिक 2011 में हिंदू आबादी घटकर 10% रह गई है, वे कहां गए?’

‘मुसलमानों को भी नागरिकता लेने का अधिकार’

केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि सीएए के तहत मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है. किसी के लिए रास्ता बंद नहीं है. यह विशेष अधिनियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि ये बिना किसी दस्तावेज के आए हैं. जिनके पास दस्तावेज नहीं है, उनके लिए हम कोई रास्ता ढूढेंगे. लेकिन जिनके पास दस्तावेज है, वे अमूमन 85% से ज्यादा हैं. कोई समय सीमा नहीं है. आराम से समय लेकर आवेदन किया जा सकता है. भारत सरकार आपके उपलब्ध समय के अनुसार साक्षात्कार के लिए आपको कॉल करेगी. सरकार आपको दस्तावेज के ऑडिट के लिए बुलाएगी और आमने-सामने साक्षात्कार किया जाएगा. वे सभी लोग जिन्होंने 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 2014 के बीच भारत में प्रवेश किया है उनका यहां स्वागत है.

‘सभी को समान अधिकार दिए जाएंगे’

CAA के बाद नागरिकता पाने वाले लोगों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं, ‘बहुत सारे लोग हैं, अभी तक कोई गिनती नहीं है. जो दुष्प्रचार चल रहा है, उसके कारण कई लोग आवेदन करने में भी संकोच करेंगे. मैं यहां आवेदन करने वाले सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार पर भरोसा रखिए आपको पूर्वव्यापी प्रभाव से नागरिकता दी जाएगी. यह कानून आपको शरणार्थी के रूप में स्वीकार कर रहा है. यदि आपने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है, तो आपके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं होगा. किसी को डरने की जरूरत नहीं है. सभी को समान अधिकार दिए जाएंगे क्योंकि वे भारत के नागरिक बन जाएंगे.’

‘पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है’

विपक्ष के इस आरोप पर कि ‘भाजपा CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है’ पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा है, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था. हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे. उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है, नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है. पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है.’

‘अरविंद केजरीवाल अपना आपा खो बैठे हैं’

दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के ‘शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे’ वाले बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो बैठे हैं. उन्हें पता नहीं है कि ये लोग भारत में आ चुके हैं और भारत में रह रहे हैं. अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. वे विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए.’

‘मैं ममता बनर्जी को चुनौती देता हूं…’

इस दौरान शाह ने पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी के बयान पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं ममता बनर्जी को निवेदन करना चाहता हूं कि राजनीति करने के हजारों मंच हैं, कृपया कर के बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदू का अहित न करें. आप भी एक बंगाली हैं. ममता बनर्जी को मैं खुली चुनौती देता हूं कि इस कानून की धारा में से एक धारा वे नागरिकता छीनने वाली बता दें, वे खौफ पैदा कर रही हैं. असम में भाजपा सरकार आने के बाद घुसपैठ पूरी तरह से बंद हो गई है. मैं मानता हूं कि अगर आप (ममता बनर्जी) इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के साथ तुष्टिकरण की राजनीति कर घुसपैठ होने देंगे, जो शरणार्थी आए हैं उन्हें नागरिकता देने का विरोध करेंगे तो जनता आपके साथ नहीं रहेगी.’