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मलेशिया दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल-हमास जंग पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, “इजराइल-हमास जंग का सबसे बड़ा तथ्य यही है कि फिलिस्तीनियों से उनका घर, उनकी जमीन और अधिकार छीन लिए गए हैं।”
कुआलालंपुर में भारतीय समुदाय से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “पूरे विवाद में सच या झूठ जो भी हो, लेकिन मानवीय कानूनों का पालन करना जरूरी है।” इसके साथ ही जयशंकर ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के अटैक को आतंकवादी हमला बताते हुए इसकी निंदा भी की।
जयशंकर बोले- चीन से रिश्ते सामान्य तभी होंगे जब उनकी सेना पीछे हटेगी
इसके अलावा विदेश मंत्री ने भारत-चीन के रिश्तों पर भी बात की। जयशंकर ने कहा, “दोनों देशों में द्विपक्षीय रिश्ते सामान्य तभी हो सकते हैं जब चीन की सेना पीछे हटे और उनकी तैनाती पुराने पॉइंट्स पर की जाए। हम चीन के सामने साफ शब्दों में ये बात रख चुके हैं। मेरे कर्तव्य है कि मैं अपने देशवासियों के लिए पहले सीमा को सुरक्षित करूं और मैं इससे कभी पीछे नहीं हटूंगा।”
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अब चीन से कई मुद्दों पर बात कर रहा है। दोनों देशों के अधिकारी समय-समय पर मिलते रहते हैं। इस बीच दोनों देशों में सेनाओं को LAC तक न लाने पर सहमति बनी है।
विदेश मंत्री बोले- 2020 में चीन ने समझौता तोड़ा, सीमा पर खूनखराबा किया
जयशंकर ने कहा, “सीमा विवाद के बीच 1980 के दशक में दोनों देशों में इस बात सहमति बनी थी कि कोई भी अपनी सेनाओं को सीमा पर तैनात नहीं करेगा। साथ ही किसी भी स्थिति में हिंसा या खूनखराबे का सहारा नहीं लिया जाएगा। हालांकि, चीन ने साल 2020 में इस समझौते को तोड़ दिया और सीमा पर खूनखराबा हुआ।”
इसके अलावा जयशंकर ने रूस-यूक्रेन जंग पर भी भारत का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, “जंग की शुरुआत से ही हमारा रुख साफ रहा है। किसी भी मसले का हल युद्ध के मैदान में नहीं निकाला जा सकता। इसमें किसी की जीत नहीं होती है। भारत हमेशा से ही जंग को खत्म करने के पक्ष में रहा है।”
PM नेतन्याहू से मिले थे NSA डोभाल
कुछ दिन पहले ही भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की थी। इस दौरान नेतन्याहू ने डोभाल को जंग के बारे में जानकारी दी थी। इसके अलावा बंधकों की रिहाई और गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने पर भी चर्चा हुई थी।
इसके अलावा PM नेतन्याहू कई बार फोन करके PM मोदी को जंग से जुड़े अपडेट्स देते आए हैं। भारत ने हमेशा से ही इजराइल पर हमास के हमले की निंदा की है। हालांकि, इस दौरान सरकार ने गाजा में मानवीय सहायता भी पहुंचाई है। इससे पहले दिसंबर में भारत ने UN में इजराइल के खिलाफ जाकर मतदान के दौरान सीजफायर के पक्ष में वोट डाला था।