पीड़िता की माता की रिपोर्ट पर पुलिस थाना सांगड़ में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया। प्रकरण में अनुसंधान अधिकारी प्रियंका कुमावत वृताधिकारी वृत जैसलमेर द्वारा त्वरित गहन अनुसंधान कर साक्ष्य संकलित किये जाकर महज पांच दिन में अनुसंधान पूर्ण कर नतीजा माननीय पोक्सो न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर द्वारा प्रकरण को केश ऑफिसर स्कीम के तहत चयनित किया जाकर थानाधिकारी पुलिस थाना सांगड़ को विशेष दिशा निर्देश दिए गए। केश ऑफिसर थानाधिकारी पुलिस थाना सांगड़ द्वारा विशिष्ट लोक अभियोजक जेठाराम माली से समन्वय कर माननीय न्यायालय में प्रभावी पैरवी करवाकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी उम्मेदाराम को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया गया।

पोक्सो कोर्ट जैसलमेर ने एक रेपिस्ट पिता को अपनी ही 5 साल की बेटी से रेप करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 22 गवाहों और 51 सबूतों के आधार पर पिता को कड़ी सजा सुनाई। इस मामले में पुलिस ने केस ऑफिसर स्कीम के तहत तेजी से जांच कर दरिंदे पिता को सजा दिलाने में अहम रोल निभाया। मामले में विशिष्ट लोक अभियोजक जेठाराम माली ने बताया कि पीड़िता को 5 महीने में न्याय मिला है।

जेठाराम माली ने बताया कि गत पांच अक्टूबर को सांगड़ थाना इलाके की एक महिला ने अपनी बेटी से ज्यादती करने वाले पिता के खिलाफ सांगड़ थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। महिला ने बताया कि उसकी पांच साल की बेटी व उसका पिता घर पर थे। पिता ने अपनी ही बेटी से रेप किया। इसके बाद पीड़िता को इलाज के लिए बाड़मेर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया।

पुलिस ने तुरंत रेपिस्ट पिता को पकड़ा, शराब के नशे में रेप किया, बड़ी बहन ने मां को बताया

इस मामले में पुलिस ने आरोपी पिता को उसी दिन पकड़ लिया था। जिसके बाद कोर्ट में मामला विचाराधीन था। इसमें विशिष्ट लोक अभियोजक जेठाराम माली ने 22 गवाह व 51 दस्तावेज पोक्सो न्यायालय में पेश किए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश चंद्रप्रकाश सिंह ने आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया।
गौरतलब है कि पिता अपने घर शराब पीकर आया और 5 साल कि बेटी को कमरे में लेकर गया। उस दौरान उसकी 8 साल कि बेटी घर में ही थी और बच्ची की मां पास ही खेतों में काम करने गई थी। पिता ने बेटी से बंद कमरे में रेप किया। छोटी बहन की रोने की आवाज सुनकर बड़ी बहन डर कर मां को बुलाने खेत गई और मां को साथ ले आई। मां ने कमरे में बेटी को लहूलुहान हालत में देखकर तुरंत हॉस्पिटल लेकर गई। वहीं पड़ोसियों ने रेपिस्ट पिता को पकड़ा और पुलिस को सौंपा। पुलिस ने मामले में केस ऑफिसर स्कीम के तहत तुरंत जांच आदि कर आरोपी पिता के खिलाफ सभी सबूत कोर्ट में पेश किया। कौर्ट ने 5 महीने में ही फैसला सुनाते हुए रेपिस्ट पिता को आजीवन कारावास की सख्त सजा सुनाई।