8 साल पुराने शिक्षक से मारपीट के मामले में पोकरण की अदालत ने तीन आरोपियों को 7 साल की सजा सुनाई है। इस दौरान जज की ओर से सुनाया गया फैसला आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। दरअसल न्यायाधीश नरेंद्र कुमार खत्री राहत इंदौरी की शायरी सुनाते हुए फैसला दिया। जज ने शायरी पढते हुए कहा ‘नई हवाओं की सोहबत बिगाड देती है, कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है, जो जुर्म करते हैं, इतने बुरे नही होते, सजा ना देके अदालत बिगाड़ देती है’। सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील फिरोज खान ने बताया कि पोकरण के लाठी में एक टीचर राजाराम (45) ने 2 अक्टूबर 2015 को मामला दर्ज कराया। जिसमें बताया कि वह राजकीय उच्च माध्यमिक धोलीया में कार्यरत हूं। 2 अक्टूबर को स्कूल की छुट्टी होने पर वह अपनी बेटी के साथ घर जा रहा था। इस दौरान स्कूल की बाउंड्री से बाहर भादरीया सड़क पर पहुंचा। जहां विकास पुत्र रामरख, रामस्वरूप पुत्र बंशीलाल और विकास पुत्र बाबूलाल ने एक राय होकर लाठी और चाकू से मुझ पर हमला कर दिया। हमले में मेरे पैर, कंधे और पीठ में गंभीर चोट आई। मेरी बेटी के चिल्लाने पर आसपास के लोग पहुंचे और मुझे बचाया। पुलिस ने शिक्षक की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जज नरेंद्र कुमार खत्री ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए विभिन्न धाराओं में 7 साल की सजा सुनाई।