कॉग्रेस की राजनीति से था गहरा संबंध, गहरे संबंध ने फकीर को रुपाराम से करवाया था अलग

तनेराव सिंह
जैसलमेर

 

लोकसभा चुनाव के चलते जहां राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी जाजमे बिछाई जा रही है और जिताऊ उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है। वही दलबदली का दौर भी इन दिनों जोरों पर चल रहा है। ऐसे में कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियों में दल बदली का दौर जोरो पर चल रहा है। लोकसभा चुनाव के इस दौर में जैसलमेर कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका मिला है। जैसलमेर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने सोमवार रात जयपुर में कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। नगरपरिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला, मोहनगढ़ प्रधान कृष्णा मुकेश चौधरी, पूर्व छात्र नेता प्रभा चौधरी, पूर्व प्रधान जैसलमेर समिति मूला राम चौधरी समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने सीएम भजन लाल शर्मा से मुलाकात कर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के हाथों बीजेपी का दुपट्टा अपने गले में डाला। सोमवार को कांग्रेसी नेताओं के बीजेपी जॉइन करने के समय जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी व जैसलमेर बीजेपी जिलाध्यक्ष चन्द्रप्रकाश शारदा मौजूद रहे। सभी नेताओं ने नरेंद्र मोदी की विकास की नीति को आधार मानते हुए और कांग्रेस में अंदरुनी लड़ाई व अनुशासन की कमी का कारण बताते हुए बीजेपी जॉइन करने की बात कही। जैसलमेर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले जाने से कांग्रेस में खलबली मच गई है। हालांकि बताया जा रहा है कि इनके कांग्रेस छोडने की जानकारी पहले से ही अन्य कांग्रेसी नेताओं को थी। मगर किसी ने भी इनको रोकने की कोशिश नहीं की।
दरअसल, जैसलमेर के दिग्गज कांग्रेसी पाबड़ा परिवार के लालचंद चौधरी की बेटी व कर्नल सोना राम चौधरी की भतीजी प्रभा चौधरी ने इस बार कांग्रेस की बाड़मेर लोक सभा सीट से टिकट मांगी थी। मगर कांग्रेस ने प्रभा को टिकट नहीं देकर आरएलपी छोड़कर कांग्रेस में आए उम्मेदाराम बेनीवाल को कांग्रेस की टिकट दी। बताया जा रहा है कि इससे नाराज होकर पाबड़ा परिवार ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थमा। वहीं अगर नगर परिषद सभापति कला की बात करें तो जैसलमेर के कांग्रेस के भीष्म पितामह कहे जाने वाले गोवर्धन दास कला के भतीजे है हरि बल्लभ कला जैसलमेर शहर की राजनीति में काफी प्रभाव डालते हैं कला अब आने वाले लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के नेता जैसे-जैसे भाजपा में जा रहे हैं वैसे-वैसे भाजपा ने एक बार फिर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी पर टिकट देकर भरोसा जताया है और कांग्रेस के नेता भाजपा का साथ थाम रहे तो इस बार कैलाश चौधरी का जीत का रास्ता सरल होता नजर आ रहा है। वही उनके जैसलमेर पहुंचने पर समर्थको द्वार ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया गया और मुंह मीठा कर भाजपा में शामिल होने की बधाइयां दी गई।

वही इस दौरान नगर परिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि कांग्रेस अब वो पुरानी कांग्रेस नहीं रही। कांग्रेस में अंदरूनी लड़ाई व अनुशासन की कमी होने के कारण बीजेपी ज्वाइन की हैं।
जानकारी के अनुसार इन दोनों दिग्गज नेताओं के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले जाने से कांग्रेस में खलबली मच गई है।

कौन है हरिवल्लभ कल्ला

हरिवल्लभ कल्ला वर्तमान में जैसलमेर नगर परिषद के सभापति है। जो साल 2019 में नगरपरिषद का निर्दलीय चुनाव जीत सभापति बने थे और उसके बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की थी। वहीं अब उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है। कल्ला जैसलमेर के पूर्व विधायक, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और जैसलमेर में कॉग्रेस के भीष्म पितामह और गांधी कहलाए जाने वाले स्वर्गीय गोवर्धन दास कल्ला के भतीजे हैं। गोवर्धन कल्ला कांग्रेस से सच्चे सिपाही माने जाते थे इर कारण उन्हें जैसलमेर का गांधी कहा जाता था।

प्रभा चौधरी के चाचा भी भाजपा में शामिल

जैसलमेर कांग्रेस से दूसरे दिग्गज नेता जिन्होंने बीजेपी का दामन थामा है उनका नाम मूलाराम चौधरी है जो मोहनगढ़ के पावड़ा परिवार से आते हैं। मूलाराम पंचायत समिति जैसलमेर के पूर्व प्रधान हैं। वहीं वर्तमान में पंचायत समिति मोहनगढ़ से इनकी पुत्रवधू प्रधान है। मूलाराम चौधरी 2011 में राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर की पहली महिला छात्र संघ अध्यक्ष रही प्रभा चौधरी के चाचा है।
प्रभा ने 2011 में NSUI से ही अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था।
और सोमवार देर रात इन चाचा और भतीजी दोनों ने कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है।

प्रभा चौधरी मूलरूप से जैसलमेर जिले के छोटे से गांव श्रीमोहनगढ़ की रहने वाली हैं। वे राजस्थान यूनिवर्सिटी की जहां अध्यक्ष रही वहीं जोधपुर से LMM की पढ़ाई करने वाली प्रभा चौधरी शादी के बाद राजनीति से काफी समय तक दूर रही थीं, मगर अब उनकी वापसी हो गई है।
प्रभा चौधरी की शादी सिद्धार्थ कड़वासरा के साथ हुई है। सिद्धार्थ कड़वासरा वकील हैं और जोधपुर के रहने वाले हैं।