भारत में अप्रैल से गर्मियों के सीज़न की शुरुआत हो जाती है। जिससे जुलाई में मानूसन आने के बाद ही थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन इस बार अप्रैल के पहले हफ्ते में ही गर्मियों की तपिश बढ़ने लगी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से अप्रैल-जून की तिमाही के लिए मौसम की भविष्यवाणी भी जारी हो चुकी है। IMD ने अप्रैल-जून, 2024 की तिमाही के लिए सीजनल आउटलुक जारी किया है, जो चौंकाने वाला है। इसमें उन्होंने बताया है कि इस बार भयंकर गर्मी पड़ने के आसार हैं। IMD ने बताया है कि अप्रैल-जून के बीच अल नीनो के प्रभाव के न्यूट्रल होने की संभावना है, लेकिन इस दौरान उत्तर, दक्षिण के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ेगी।

इन जगहों पर पड़ेगा लू का सबसे ज्यादा कहर

IMD ने बताया है कि दक्षिण के ज्यादातर हिस्सों, पूर्वी भारत, मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में लू का कहर सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा। उत्तरी ओडिशा, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में अधिकतम तापमान के सामान्य या उससे नीचे रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने देश के कई हिस्सों में 10 से 20 दिनों तक लू चलने का अनुमान जताया है। झारखंड के कुछ हिस्सों में 4 अप्रैल से गर्मी की पहली लू चलने की चेतावनी जारी की गई है, तो वहीं कुछ जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा भी जा सकता है। मध्य प्रदेश में इस समय तापमान 37-40 डिग्री सेल्सियस चल रहा है, जो अगले हफ्ते 42 डिग्री तक पहुंच सकता है।

हीट वेव से बचाव के उपाय

  • बॉडी को हाइड्रेट रखें। इसके लिए दिनभर में 7 से 8 ग्लास पानी, ताजे फलों का जूस व नारियल पानी पिएं।
  • बहुत जरूरी न हो, तो घर से बाहर न निकलें। जरूरी है तो छाता लेकर बाहर जाएं।
  • लू के दौरान ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी न करें।
  • बाहर निकलने के दौरान मुंह को कवर करके निकलें।
  • ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
  • धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
  • खाली पेट तेज गर्मी में बाहर न निकलें।

बारिश को लेकर IMD का अनुमान

गर्मी के साथ ही IMD ने बारिश को लेकर भी अनुमान जताया है। उत्तर पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों और मध्य भारत के कई हिस्सों, उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत, पूर्व और उत्तर पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में नॉर्मल या उससे ज्यादा बारिश होने की संभावना है। वहीं पूर्वी और पश्चिमी तटों, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों और पश्चिम मध्य भारत में नॉर्मल से कम बारिश हो सकती है।