प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद अवैध बूचड़खाने बंद करवाने के आदेश जारी किए गए थे लेकिन भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे सीमावर्ती जिले जैसलमेर में इसका असर नहीं दिख रहा था। शहर व आस-पास के इलाकों में धड़ल्ले से अवैध मांस की दुकानें चल रही थी वहीं खुलेआम राज्य सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए पशुओं को काटा भी जा रहा था। पर्यटन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण स्वर्णनगरी जैसलमेर शहर की बात करें तो शहर में एंट्री होते ही चौराहा पर और शहर में धार्मिक स्थलों के पास इन दिनों मांस की दुकानों में बढ़ोतरी को देखा जा रहा है। खास बात यह कि नगर परिषद और ग्रामीण क्षेत्रों में कई दुकानें बिना पंजीकृत धड़ल्ले से चल रही है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद राजस्थान सरकार के सख्त आदेश के बावजूद जैसलमेर शहर के मंदिरों के पास भी दुकानें संचालित हो रही है।
अवैध मीट की दुकानों पर कार्यवाही करने के लिए नगर परिषद द्वारा गत बोर्ड बैठक में भाजपा विधायक छोटू सिंह भाटी की मौजूदगी में आयुक्त नगर परिषद लजपाल सिंह द्वारा निर्णय लिया गया कि शहर में अवैध रूप से संचालित मांस की दुकानों को हटाकर एक जगह संचालित किया जाए। वहीं सोमवार को नगर परिषद अपनी नीद से जागी। वही शहर के बाहर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से संचालित हो रहे बूच़डखानों पर नगर परिषद का पीला पंजा चला उन्हें हटाया गया। इस सम्बन्ध में परिषद आयुक्त लजपाल सिंह ने बताया कि अवैध रूप से चलाई जा रही मांस की दुकानों को हटाया गया और दुकानदारों को हिदायत दी गई की वे राज्य सरकार के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं वहीं शहर के सौंदर्यकरण में बाधा उत्पन्न कर रहे है। नगर परिषद द्वारा कार्यवाही कर अवैध बूचड़खानों को हटाया गया है। वहीं अब नगर परिषद द्वारा उन्हें दूसरी जगह बसाया जाएगा। वही अब आगामी समय मे नगर परिषद द्वारा शहर में आवासीय कॉलोनी में संचालित मांस की दुकानों पर कार्रवाई की जाएगी और पंजीकृत मीट शॉप का जहां निरीक्षण किया जाएगा वहीं अवैध रूप से चल रहे मीट शॉप को बंद करवाया जाएगा। वही अब देखने की बात ये रहेगी कि शहर के बीचो-बीच धार्मिक स्थलों के पास चल रही मांस की दुकानों को हटाया जाएगा या यह अभियान कागज़ो तक सीमित रहेगा।

तनेराव सिंह
जैसलमेर