संपर्क साहित्य संस्थान जयपुर और डॉ.राधाकृष्णन राज्य केंद्रीय पुस्तकालय के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला दिवस की पूर्व दिवस पर काव्य गूँज तथा रेनू शब्दमुखर के द्वारा संपादित मैं सृष्टि हूँ के मुखपृष्ठ का विमोचन किया गया।
संपर्क संस्थान के अध्यक्ष अनिल लढा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस तरीके के कार्यक्रम वाकई में वर्तमान समय की आवश्यकता है और साथ ही साथ महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए केवल ऐसे आयोजन ही नहीं बल्कि हर दिन महिला दिवस मनाना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दूरदर्शन की पूर्व कार्यक्रम अधिकारी उषा रस्तोगी ने इस कार्यक्रम के लिए साधुवाद दिया।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सूचना एवं जनसमपर्क विभाग की पूर्व संयुक्त निदेशक वीना करमचंदानी ने महिलाओं की वर्तमान स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किये और समाज में और परिमार्जन की आवश्यकता पर जोर दिया ।
रेनू शब्दमुखर ने कार्यक्रम में अपने आने वाले संकलन के बारे में जानकारी दी ।
वरिष्ठ साहित्यकार सत्यनारायण व्यास ने बहुत ही सुंदर तरीके से वर्तमान परिस्थितियों में पुरुष और नारी के मध्य एक सामंजस्य की वास्तविक स्थिति की आकांक्षा प्रकट की। कार्यक्रम का संचालन विजय लक्ष्मी जांगिड़ ने करते हुए मंत्रमुग्ध कर दिया । आभार सीमा वालिया ने किया ।
कार्यक्रम में डॉ नेहा पारीक ,सुनीता त्रिपाठी, जीनस कंवर,
कविता माथुर ,ज्योत्स्ना सक्सेना, ज्योत्सना रावत, शशि पाठक,पूनम झा, आरती ठाकुर, पुष्पा माथुर,डॉ.कंचना सक्सेना, डॉ.नीलम कालरा,आरती ठाकुर ,डॉ सुषमा शर्मा,डॉ.अक्षिणी भटनागर,सुशीला शर्मा ,सरोज चौहान,एकता शर्मा,पुनिता सोनी ,आलोक जी,नवल जी, कविता मुखर,वर्षा गुप्ता, कैलाश मानव अरुण ठाकुर ,सोहन प्रकाश सोहन ने काव्य पाठ किया।